Tuesday, July 23, 2019

शंकराचार्य मठ, इंदौर

अयोध्या कांड का पाठ करेंगे तो घर अयोध्या बन जाएगा
-शंकराचार्य मठ में प्रभारी ब्रह्मचारी डॉ. गिरीशानंदजी महाराज के श्रावण मास के प्रवचन

इंदौर। 22  जुलाई 2019
मन ईश्वर में लगा हो और जीव ईश्वर का स्मरण करते हुए शरीर त्याग करे तो उसे मुक्ति मिलती है। जिस घर में ­ागड़ा होता हो तो वे अयोध्या कांड का पाठ करें, ­ागड़े बंद हो जाएंगे, क्योंकि अयोध्या कांड में कोई युद्ध नहीं है। घर अयोध्या बन जाएगा और भगवान राम वहां पर निवास करेंगे। संपूर्ण जीवन श्रीराम स्मरण में हो गया हो तो अंत काल में श्रीराम याद आएंगे। भगवान का जाप सदा करते रहो, जब तक कोई पूर्ण आहूति न हो। जब तक शरीर है तब तक भगवान का भजन करते रहो।
यह बात पीथमपुर बायपास रोड, नैनोद स्थित मां बगलामुखी सिद्धपीठ शंकराचार्य मठ में प्रभारी ब्रह्मचारी डॉ. गिरीशानंदजी महाराज ने श्रावण मास के नित्य प्रवचन में रविवार को कही।
तीन महान ग्रंथों का एक ही आदर्श संयुक्त परिवार
डॉ. गिरीशानंदजी महाराज ने बताया हमारे भारत देश में संयुक्त परिवार की प्राचीन प्रथा अब भुलाई जा रही है। अपने तीन महान ग्रंथों का आदर्श संयुक्त कुटुंब की प्रथा है। श्रीकृष्ण बलराम दो भाई थे, पर एक ही घर में थे। राम, लक्ष्मण, भरत, शत्रुघ्न चार भाई थे, पर एक ही घर में थे। पांडव पांच भाई थे पर एक ही घर में थे। भागवत, रामायण और महाभारत तीन ग्रंथों का आदर्श एक ही है, संयुक्त कुटुंब। आजकल तो ऐेसी शिक्षा मिल रही है कि शादी होते ही भाई, भाई से अलग हो जाता है। केवल पैसा कमाने की शिक्षा ने आपसी प्रेम, संयुक्त परिवार, बड़ों की मान मर्यादा सब तोड़कर रख दी है। परिणाम यह हो रहा है कि अंतरजातीय विवाह को प्रोत्साहित कर लोग देश, समाज और कुटुंब को खंड-खंड करने की तैयारी कर रहे हैं। यदि ऐसा ही चलता रहा तो अखंड भारत का स्वप्न मृतप्राय हो जाएगा।
बिल्वपत्र से शिवजी का सहस्राधिक अर्चन
मठ पर श्रावण मास के तहत सुबह 10 से 11बजे तक रामचरित मानस का मास परायण पाठ। इसके पहले श्रावण सोमवार पर सुबह 11 से दोपहर 1 बजे तक सोडषोपचार के साथ बिल्वपत्र से शिवजी का सहस्राधिक अर्चन, दोपहर 2 से शाम 4 बजे तक रुद्राभिषेक और प्रतिदिन रात 8 बजे से डॉ. गिरीशानंदजी महाराज के मास परायण पर आधारित व्याख्यान हो रहे हैं।

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